Friday, December 2, 2011

राजा-रानी



(लघुकथाएँ)
1.
एक राजा की तीन रानियाँ। एक थी, एक है और एक होनेवाली है। तीनों रानी हैं एक दूसरे से दूर, एक दूसरे से अपरिचित।
2.
एक राजा की तीन रानियाँ। तीनों अशिक्षित। राजा अपने कामों में इतने व्यस्त कि रानियों के लिए कोई समय नहीं। एक रानी टी.वी. की धारावाहिकों में मस्त रहती हैं। दूसरी साज-शृंगार और ख़रीद-फ़रोख़्त में व्यस्त। तीसरी शिक्षा ग्रहण करने में रम गईं। कुछ ही समय बाद राजा गए जेल। उन्हें तीन पत्नी रखने और शोषित करने की सज़ा मिली। क्योंकि तीसरी रानी ने राजा के विरूद्ध कर दिया था केस।
3.
एक राजा की तीन रानियाँ। एक चलाती थी घर और पालती थी राजकुमारों को। दूसरी थी दफ़्तर की सहकर्मी, लेती थी कामुक बातों में रस। तीसरी पड़ोसी की बेटी थी जो रेस्टोरेंट, सिनेमा या पार्क आदि में राजा के साथ होती थी मशगूल। एक दिन सड़क हादसों में राजा की हो गई मृत्यु। पहली रानी हो गईं दुखीहारी विधवा। दूसरी रानी देने लगी अपने दूसरे राजा को ज़्यादा समय। तीसरी तलाशने लगी एक रईस, उम्मीद भी है शीघ्र पा लेने की।

1 comment:

nandini said...

A very very nice story very creative and this is the use of being educated

चिट्ठाजगत