कहा जाता है कि
जिज्ञासा की पूर्ति रहस्य का अंत है,
राग और द्वेष मुक्त व्यक्ति
व्यक्ति नहीं, संत है.
लेकिन
रहस्य को बनाए रखकर
जिज्ञासा जगाए रखना
आज का धंधा है
पैसे का ही राग द्वेष
जीवन का फंदा है.
Wednesday, July 16, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment