
(आज की देखी एक घटना पर आधारित)
"बिहारी" को
गालीवाचक शब्दों में प्रयोग करनेवाले नागरिकों पर
इस सत्य और तथ्य का
काई असर नहीं पड़ता
कि
वह कितना कर्मठ है
कितना ज्ञानी और विद्वान
मुफ़लस व्यवस्था के इन निवासियों में
कैसी है
आचरण की सभ्यता
व्यवहारिक मूल्यों की मानवता।
दरअसल
अह्म (मैं) भाव का अतिरेक
एक ऐसा हिटलर है
जिसमें प्रेम और
साहचर्य संबंध के लिए
कोई स्थान नहीं।
No comments:
Post a Comment